जिला चंबा में स्कूली छात्रों के लिए मानसिक स्वास्थ्य ओर आत्महत्या को रोकने हेतु जागरूकता शिविर का हुआ आयोजन
चंबा 17 जनवरी मुकेश कुमार (गोल्डी)
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग चंबा की ओर से बीते कल शुक्रवार को स्कूली छात्रों के लिए मानसिक स्वास्थ्य ओर आत्महत्या को रोकने के लिए जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया Iइस शिविर की जानकारी देते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ विपन ठाकुर ने बताया की जिले में कुछ स्कूल के लिए स्कूली छात्रों के लिए मानसिक स्वास्थ्य और आत्महत्या को रोकने के लिए जागरूकता शिविर शुरू किये हैं,जिन के तहत आज राजकीय बरिष्ठ विद्यालय मंगला ओर चनेड के छात्रों के लिए जागरूकता शिविर शुरू किये गए. इस शिवरों के लिए एक टीम गठित की गई है जिस मे डॉ करन हितेषी चिकित्सा अधिकारी, छाँगा राम ठाकुरएम ई आई ओ, दीपक जोशी बी सी सी कोऑर्डिनेटर, श्रीमती सोनाक्षी मण्डला को नियुक्त किया गया है I
कार्यक्रम की जानकारी देते हुए ड़ा करन हितेषी ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा स्कूली छात्रों के लिए मानसिक स्वास्थ्य ओर आत्महत्या को रोकने के लिए विभाग द्वारा जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे है जिस के तहत आज नौवीं कक्षा से लेकर बाहरवी कक्षा तक छात्रों से इस विषय पर बात की गई है उन्होंने बताया की इन शिविरो के माध्यम से छात्रों को यह जागरूक करना है कि मानसिक रोग कया है इस के कया लक्ष्ण है ओर इस से किस प्रकार से समय रहते बचा जा सकता है I उन्होंने बताया कि मानसिक अस्वस्थता के कारण ही व्यक्ति को बेरोजगार, बिखरे हुए परिवार, गरीबी,नशीले पदार्थों का सेवन और संबंधित अपराध का सहभागी बनना पड़ता है I आज की दिनांक में हर 100 में से 7 व्यस्क व्यक्ति किसी न किसी तरह के मानसिक रोग से ग्रसित हैंI
उन्होंने मानसिक रोगों के कारणों का उल्लेख करते हुए बताया कि मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं का पारिवारिक इतिहास, जीवन के अनुभव जैसे आघात या तकलीफ, जीवन में अवसाद रूपी वातावरण के कारण, बचपन का आघात लगने के कारण, तनावपूर्ण घटनाएं जैसे किसी प्रियजन को खोने के कारण, नकारात्मक विचारों के बढ़ने के कारण, अनहेल्दी आदतों जैसे की पर्याप्त नींद ना लेना या खराब खान-पान की वजह से, ड्रग्स और अल्कोहल का दुरुपयोग से, एक लंबी बीमारी के उपचार के बाद किसी भी व्यक्ति का मानसिक स्वास्थ्य बिगड़ सकता है और उसे व्यक्ति में ज्यादा सोचना एंजायटी और घबराहट, व्यक्तित्व परिवर्तन, खाने या सोने के पैटर्न में बदलाव, समस्याओं और दैनिक गतिविधियों को करने में असमर्थता, ज्यादा चिंता करना, लंबे समय तक अवसाद और उदासीनता, ज्यादा गुस्सा करना या हिंसक व्यवहार करना, आत्महत्या के बारे में सोचना या खुद को नुकसान पहुंचाना, बहुत ज्यादा मूड स्विंग होना तथा शराब या ड्रग्स का दुरुपयोग के लक्षण आ सकते हैंI
डॉ हितेषी ने मानसिक स्वास्थ्य को पत्र बनाने के उपाय भी सांझा किए जिनमें उपाय भी साँझा किए जैसे दूसरों से जुड़े रहें और अपने आप को अलग ना समझे, पॉजिटिव सोच रखें, शारीरिक रूप से सक्रिय रहे, दूसरों की मदद करते रहें, प्रतिदिन 6 से 8 घंटे तक पर्याप्त नींद ले, हेल्दी डाइट ले खासकर मूड को बेहतर बनाने वाली चीजों को खाएं, शराब धूम्रपान और ड्रग्स से बचें, एक्सरसाइज और योग करें I इन कार्यक्रम मे श्री नरेंदर भारद्वाज ओर श्री संदीप मल्होत्रा प्रधानचार्य राजकीय वरिष्ठ विद्यालय मंगला, ओर चनेड उपस्थित रहे I