एमसीएच सेन्टर चंबा में विश्व पोलियो दिवस का हुआ आयोजन ,जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर जालमसिंह भारद्वाज ने की अध्यक्षता

चंबा 25 अक्टूबर मुकेश कुमार (गोल्डी)

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग जिला चंबा द्वारा आज मुख्य चिकित्सा अधिकारी चंबा के सौजन्य से एमसीएच सेन्टर चंबा में विश्व पोलियो दिवस का आयोजन किया गया । जिसकी अध्यक्षता जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर जालमसिंह भारद्वाज ने की। इस मौके पर डॉ भारद्वाज ने उपस्थित मातायों को संबोधित करते हुए बताया कि विश्व भर में पोलियो के बारे में लोगों को जागरूक करने हेतु हर साल 24 अक्टूबर को इस दिवस का आयोजन किया जाता है ।पोलियो एक संक्रामक बीमारी हैजो पोलियोमाइलाइटस नामक वायरस के संक्रमण के कारण होती है और जो आम तौर पर 5 साल तक की आयु के बच्चों को प्रभावित करती हैं ।

इस बीमारी में बच्चों के टांग एवं बाजू में कमजोरी आने के साथ-साथ अपंगता आ जाती है ।जिस वजह से बच्चा चलने अथवा काम करने में सारी उम्र के लिए असमर्थ हो जाता है ।अतः इस बीमारी के बारे में जानकारी रख के एवं समय-समय पर 5 साल तक के बच्चों का पोलियो से बचाव हेतु टीकाकरण( पोलियो डॉप्स पिलाकर एवम टीकाकरण )करवा कर के इस बीमारी से बचाया जा सकता है । उन्होंने बताया कि हालांकि भारत में पोलियो का अंतिम मामला सन 2011 में पाया गया था और 2014 में डब्ल्यूएचओ (WHO) द्वारा भारत को पोलियो मुक्त देश घोषित कर दिया जा चुका है । परंतु फिर भी हमारे पड़ोसी देश जैसे पाकिस्तान और अफगानिस्तान में अभी भी पोलियो के बहुत अधिक मामले पाए जा रहे हैं ।

और यह बीमारी पोलियो वायरस से ग्रसित व्यक्ति के मल द्वारा प्रदूषित पानी व खाद्य पदार्थ का सेवन यदि स्वस्थ व्यक्ति / बच्चा करता है तो यह वायरस उनके द्वारा पेट में चला जाता है और शरीर में जाकर पोलियो की बीमारी उत्पन्न करता है। अतः इससे बचाव हेतु यह भी जरूरी है की हम सफाई का विशेष ध्यान रखें साग सब्जी को खाने से पहले उन्हें अच्छी तरह धो लें स्वच्छ जल का प्रयोग पीने के लिए करें व अपने हाथों की सफाई का भी विशेष ध्यान रखें साथ ही पर्यावरण की सफाई का भी ध्यान रखें ।इसे साथ ही इस उन्होंने उपस्थित मातायों को बताया कि गर्भावस्था के दौरानआयरन एवं फोलिक एसिड की गोलियों का प्रयोग भी गर्भवती माता को जरूर करना चाहिए ।जिससे एक तो एनीमिया अथवा खून की कमी से बचा जा सकता है दूसरे गर्भावस्था के प्रथम तीन महीनों में फोलिक एसिड की गोलियों का प्रयोग करने से बच्चों में होने वाली जन्मजात असमानता अथवा अपंगता को टाला जा सकता है।

साथ ही उन्होंने बच्चों को आगामी महीना में बच्चों को कृमि रोग एवं एनीमिया,व डायरिया तथा निमोनिया से बचाव के लिए चलने वाले नेशनल डवर्मिंग डे(NDD) एवं डायरिया एवं निमोनिया कंट्रोल पखवाड़ा(IDPCF )के दौरान उन्हें एल्बेंडाजोल की गोलियां को खिलाने तथा विटामिन ए की खुराक पिलाने एवं डायरिया से बचाव हेतु ORSपिलाने के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए प्रेरित किया । इस मौके पर स्वास्थ्य विभाग की तरफ से जन शिक्षा एवं सूचना अधिकारी श्री सी आर ठाकुर एवं स्वास्थ्य शिक्षिका निर्मला ठाकुर ने भी अपने विचार रखे।

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