होमगार्डों के प्रति अपना रुख साफ करें मौजूदा प्रदेश सरकार राष्ट्रीय उपाध्यक्ष होमगार्ड संघ जोगिंदर सिंह चौहडी़या

होमगार्डों के प्रति अपना रुख साफ करें मौजूदा प्रदेश सरकार राष्ट्रीय उपाध्यक्ष होमगार्ड संघ जोगिंदर सिंह चौहडी़या

चंबा 14 मार्च मुकेश कुमार (गोल्डी)

बुधवार को मंत्रिमंडल के फैसले में होमगार्ड एवं नागरिक सुरक्षा विभाग को सुचारू संचालन के लिए चालकों के 113 पद भरने की स्वीकृति प्रदान की गई है। बेशक इस में स्पष्ट नहीं किया गया है कि यह पद नियमित होंगे अथवा होमगार्ड स्वयं सेवक चालक होंगे। हिमाचल प्रदेश राज्य गृह रक्षक कल्याण संघ के अध्यक्ष एवं राष्ट्रीय गृह रक्षक कल्याण संघ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष जोगिंद्र सिंह चौहडिया के अनुसार यह पद गृह रक्षक स्वयं सेवक के है क्योंकि होमगार्ड व नागरिक सुरक्षा में नियमित चालकों के इतने पद रिक्त नहीं है अथवा स्वीकृत नहीं है और इस निर्णय में फायर सर्विस का नाम नहीं है। हिमाचल होमगार्ड में चालक गृह रक्षकों के सैंकड़ों पद बढ़ाई गई थी लेकिन भर्ती नहीं हो पाया था। संघ के अध्यक्ष ने बताया कि होमगार्ड को सुचारू रूप से चलाने के लिए ड्राइवर भर्ती नहीं हो रही है बल्कि पुलिस, फायर सर्विस व अन्य विभागों में रिक्त पदों पर होमगार्ड चालकों की तैनाती होगी और बेचारे 58 वर्ष की आयु सीमा पूरी होने तक दैनिक भोगी बनकर सेवा देंगे।

नियमित करने की बारी कभी भी नहीं आएगा क्योंकि उस समय कहा जाएगा कि ये होमगार्ड है। इसके अतिरिक्त जब सरकार इन विभागों में नियमित ड्राइवरों के पद भरने की अधिसूचना जारी करेगी तो इन्हें मक्खन से बाल की तरह बाहर निकाल देगी। होमगार्ड ड्राइवर अगर चालीस साल तक लगातार किसी अन्य विभाग में चालक पद की सेवा दे तो उस दौरान न उसे आक्समिक अवकाश मिलेगा,न अर्जित अवकाश,न सार्वजनिक अवकाश साल में पड़ने वाले 52 रविवार के बदले केवल 48 रविवार की छुट्टी (महीने के चार रविवार) ही मिलेगी। डियुटी के दौरान बीमार पड़ जाए तो बिना वेतन घर में रहेगा कोई चिकित्सा प्रतिपूर्ति नहीं मिलेगा,न ही सेवा निवृत्त होने के बाद आराम की जिंदगी जीने के लिए भविष्य निधि में पैसे जमा होंगे और न ही ग्रैच्युटी होगा और न ही पैंशन मिलेगा। उन्होंने कहा कि होमगार्ड का मतलब स्वयं सेवक और इसके नियम अधिनियम भी है लेकिन नियम अधिनियम की धज्जियां उड़ाते हुए भर्ती की जाएगी, क्योंकि होमगार्ड नियम के अनुसार भर्ती होने के लिए कुछ शर्तें रखी गई है जिसमें एक शर्त यह भी है कि होमगार्ड बनने के लिए अपना कोई न कोई व्यवसाय अवश्य होना चाहिए। नियम सेना व अर्धसैनिक बल तथा शिक्षण संस्थान में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को छोड़ कर अन्य सभी को होमगार्ड भर्ती होने का अधिकार देता है। नियम बेरोजगार युवाओं को होमगार्ड भर्ती होने का अधिकार नहीं देता है। अब इसी भर्ती की बात की जाए तो नियम के अनुसार इस भर्ती में सेना, अर्धसेना व पुलिस बल के चालकों के अतिरिक्त अन्य सभी विभागों में तैनात नियमित चालक व उद्योगपति, डाक्टर, वकील नेता अभिनेता जिनके पास ड्राइविंग लाइसेंस हो भर्ती हो सकतें हैं। यहां एक बात और स्पष्ट किया जाता है कि होमगार्ड की सेवा केवल आपातकाल में ही ली जा सकती है इसलिए आपातकालीन स्थिति में जो जो नियमित कर्मचारी, डाक्टर, वकील, उद्योगपति ,नेता होमगार्ड भर्ती है उन्हें स्पेशल लीव मिलता है और इस स्पेशल लीव के दौरान वह आपातकालीन सेवा में शामिल होते हैं।

लेकिन आज होमगार्ड भर्ती में नियमों को दरकिनार कर बेरोजगार युवाओं की भर्ती कर व्यवसाय के कॉलम में कृषि भर दिया जाता है और आपातकालीन स्थिति के साथ शांतिकाल में भी लगातार सेवा ली जाती है।यह सिलसिला होमगार्ड जवान के 58 वर्ष पूरे होने तक लगातार जारी रहता है। अन्य नियमित कर्मचारियों की भांति सुविधाएं उपलब्ध कराने की बात आती है तो होमगार्ड स्वयं सेवक शब्द होमगार्ड जवानों को गुलाम बना देता है, यह मैं इस लिए भी कह रहा हूं कि एक कैदी की भी स्वतंत्रता दिवस, गणतंत्र दिवस, दिवाली दशहरा ईद पर छुट्टी अथवा आराम मिलता है लेकिन एक होमगार्ड को नहीं। कटु है लेकिन सत्य है। उन्होंने सरकार से मांग की है कि गृह रक्षक स्वयं सेवक चालकों व गृह रक्षक स्वयं सेवक की भर्ती से पुर्व नीति बनाए और एक निश्चित अवधि के बाद नियमित सरकारी कर्मचारी बनाया जाए ताकि होमगार्ड का भविष्य भी सुरक्षित हो सके।

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