तीसा के भंजराडू-सकलोगा संपर्क मार्ग से टटरोग(सेकेंड) तक सड़क का निर्माणकार्य हुआ पुरा लोगों में खुशी की लहर

तीसा के भंजराडू-सकलोगा संपर्क मार्ग से टटरोग(सेकेंड) तक सड़क का निर्माणकार्य हुआ पुरा लोगों में खुशी की लहर

तीसा/चुराह 20 नवंबर दिलीप सिंह ठाकुर

चुराह विधानसभा क्षेत्र की खुशनगरी पंचायत के गांव टटरोग(सेकेंड) के निवासियों को आखिरकार गांव तक आने जाने के लिए कच्ची-पक्की पगडंडियों से निजात मिल गई है। खुशनगरी पंचायत के माध्यम से भजराडू-सकलोगा संपर्क मार्ग से टटरोग(सेकेंड) तक सड़क का निर्माण पूरा हो गया है। उल्लेखनीय है कि गांव के लिए सड़क निर्माण में प्रदेश हज कमेटी के पूर्व चेयरमैन दिलदार अली बट्ट का विशेष योगदान रहा है। ऐसे में गांव के लिए सड़क निर्माण पूरा होने पर सड़क का उद्घाटन भी गांववासियों द्वारा बुधवार को प्रदेश हज कमेटी के पूर्व चेयरमैन दिलदार अली बट्ट से ही करवाया गया। सड़क का उद्घाटन करने हेतु पहुंचे दिलदार अली बट्ट सहित स्थानीय पंचायत प्रधान ओम चंद व ब्लॉक कांग्रेस कमेटी चुराह के पूर्व कार्यकारी अध्यक्ष जस्सा राम भारद्वाज का गांव के लोगों द्वारा फूल मलाएँ पहना कर जोरदार स्वागत किया गया।

सड़क का उद्घाटन करने के उपरांत अपने संबोधन में दिलदार अली बट्ट ने लोगों को गाँव तक सड़क पहुंचने कि बधाई दी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली प्रदेश की कांग्रेस सरकार लोगों को सडक, शिक्षा व् स्वास्थ्य जैसी मुलभुत सुविधाएं उपलब्ध करवाने व इन सुविधाओं को ओर ज्यादा पुख्ता बनाने के लिए वचनबद्ध है। बट्ट ने कहा कि अब टटरोग(सेकेंड) गाँव भी विकास कि मुख्य धारा में शामिल होगा। वहीं सड़क सुविधा के कई तरह के लाभ स्थानीय लोगों को मिलेंगे। सड़क निर्माण से चहके ग्रामीणों में इस मौके पर जश्न का माहौल था ओर आज का दिन उनके लिए एक बड़े दिन से कम नहीं था। इस मौके पर हारून मुहम्मद, नासिर मुहम्मद, पूर्व वार्ड सदस्य बशीर मुहम्मद, लतीफ मुहम्मद,दिल बजीर,निजाम दीन, मौसम दीन, कासम दीन,ताज मुहम्मद,हसन दीन,मजीद मुहम्मद रमजान, यासीन मुहम्मदयाकूब मुहम्मद सहित सैंकड़ों की संख्या में लोग उपस्थित थे। गौर हो कि खुशनगरी पंचायत का टटरोग(सेकेंड) गांव आजादी के साढ़े सात दशक बीत जाने के बाद भी सड़क सुविधा से अछूता था। जिस कारण गांव विकास से ही जहां कोसों दूर था। वहीं सड़क सुविधा के अभाव में गांव कि लगभाग 400 से अधिक की आबादी को कई तरह कि परेशानियां झेलनी पड़ती थी। गांव में किसी के बीमार हो जाने अथवा प्रसूति महिला को अस्पताल ले जाना भी एक बड़ी समस्या थी। तीमारदारों को बीमार व्यक्ति अथवा प्रसूति महिला को पालकी में बिठाकर गांव से लगभग डेढ़ किलोमीटर दूर मुख्य सड़क तक पहुंचना पड़ता था। वहीं सड़क सुविधा के अभाव में स्थानीय लोग सरकारी एम्बुलेंस सुविधा सहित अन्य आपातकालीन सुविधाओं का भी लाभ नहीं उठा पाते थे। गांव के लिए पंचायत के माध्यम से सड़क का कार्य शुरू हुआ और इस कार्य में प्रदेश हज कमेटी के पूर्व चेयरमैन दिलदार अली बट्ट ने अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया। जिसके चलते गांव के लोगों का गाँव तक सड़क पहुंचने का सपना साकार हो सका है।

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