आंकाक्षी जिला चंबा केंद्र तथा राज्य सरकार दोनों के सौतेलेपन का हो रहा शिकार

आंकाक्षी जिला चंबा केंद्र तथा राज्य सरकार दोनों के सौतेलेपन का हो रहा शिकार

डलहौजी/चम्बा 7 दिसंबर। मुकेश कुमार( गोल्डी)

आकांक्षी जिलों की श्रेणी में शुमार जिला चंबा केंद्र तथा राज्य सरकार दोनों की ओर से ही सौतेलेपन का शिकार हुआ है। मोदी राज में आकांक्षी जिला घोषित होने के बाद आज तक जिला चंबा कोई विशेष लाभ देखने को नहीं मिले हैं नाही जिला चंबा को राज्य सरकार ने ही गंभीरता से लिया है । जिला चंबा आज भी बेरोजगारी, स्वास्थ्य तथा विकास को लेकर प्रदेश के बाकी जिलों से काफी पीछे है जिसको लेकर तमाम चंबावासियों में केंद्र सरकार तथा राज्य सरकार दोनों को ही लेकर भारी रोष व्याप्त है। जिला वासियों की माने तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चंबा में जरूर आए, किंतु जो उम्मीदें उन्हें चंबा को लेकर केंद्र सरकार तथा मोदी से थी उन पर उन्होंने कोई भी बात नहीं की और जिला वासियों के समक्ष बातों के ही महल बनाकर वापस चले गए ।बावजूद इसके भी जिला वासियों ने प्रधानमंत्री मोदी पर विश्वास दिखाते हुए चंबा-कांगड़ा संसदीय क्षेत्र से डॉक्टर राजीव भारद्वाज को भारी बहुमत से जिताकर दिल्ली भेजा किंतु दिल्ली से भी अभी तक कोई विशेष पैकेज जिला चंबा को नहीं मिला है।

जिला चंबा दो संसदीय क्षेत्रों में बंटा है। किंतु दोनों सांसद अभी तक चंबा के लिए कोई विशेष आर्थिक तथा विकासात्मक सहायता लेकर चंबा नहीं पहुंचे हैं जिसको लेकर तमाम जिलावासी दोनों सांसदों की और उम्मीद भरी निगाहों से देख रहे हैं। बीते विधानसभा चुनावों में दो कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशी तथा तीन भाजपा प्रत्याशियों को शिमला भेजा सरकार कांग्रेस पार्टी की बनी,जिनमें एक कांग्रेसी प्रत्याशी को विधानसभा अध्यक्ष के पद से नवाजा गया तमाम जिला को विधानसभा अध्यक्ष से भारी उम्मीदें थी, किंतु वे भी मात्र अपनी चुनावी क्षेत्र को ही लेकर गंभीर दिखे उन्होंने भी भटीयात में ही विकास कार्यों तथा आर्थिक पैकेज दिए। जिला के बाकी क्षेत्रों के साथ उन्होंने औपचारिकता ही निभाई है। प्रदेश सरकार को बने दो साल पूरे होने को आ चुके हैं और सरकार जशन मनाने जा रही है किंतु जिला चंबा आज ही वहीं खड़ा है जहां बीते कई सालों से था। जिला चंबा का पर्यटन भी अपने आकांक्षी जिला के पाप को ढोता दिखाई दे रहा है। स्वास्थ्य सुविधा के हालात भी बद से बत्तर स्थिति में है कहीं डॉक्टर नहीं है तो कहीं दवाइयां उपलब्ध नहीं है तो बेरोजगारी का आलम ही ऐसा है जिससे युवा वर्ग भी राज्य तथा केंद्र दोनों से उम्मीद लगाए बैठे हैं। जिला चंबा का शिक्षा का स्तर दूसरों जिलों से काफी नीचे है क्योंकि ज्यादातर स्कूलों में शिक्षक नहीं है जहां शिक्षक हैं तो वहां बच्चों की संख्या कम है। राजनीति की कशमकश का शिकार होता जिला चंबा अभी भी इसी आस में दम भरता दिख रहा है जल्द केंद्र सरकार की ओर से सीकरी धार सीमेंट प्लांट को स्वीकृति मिलेगी और लोगों में रोजगार के कार्य खुलेंगे तो वही चुवाडी-चंबा टनल, बैरागढ़ पांगी टनल, होली- कांगड़ा टनल यह भी ऐसे विकासात्मक कार्य हैं जिनको लेकर तमाम जिलावासियों को आश्वासित किया गया है किंतु जमीनी तौर पर यह कब पूरे होते हैं यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा।

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