स्थानीय निरंकारी सत्संग भवन बनीखेत में महात्मा श्री ललित अबरोल  ने कि अमृत वर्षा

स्थानीय निरंकारी सत्संग भवन बनीखेत में महात्मा श्री ललित अबरोल  ने कि अमृत वर्षा

डलहौजी/ चम्बा 12 जनवरी मुकेश कुमार (गोल्डी)

“जिसकी भक्ति जिसकी पूजा उसका ज्ञान जरूरी हैकहे हरदेव की पहले ईश्वर की पहचान जरूरी है”

संत निरंकारी मिशन कोई धर्म या संप्रदाय नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक विचारधारा है  निरंकारी मिशन विभिन्न विचारधाराओं में आस्था रखने वाले संसार के सभी इंसानों का सम्मान करता है युगों युगों से पवित्र ग्रन्थों में स्थापित इस मान्यता में विश्वास रखता है कि साकार सतगुरु के माध्यम से ही परमपिता परमात्मा की  जानकारी प्राप्त हो सकती है और आत्मबोध ही मानव जीवन का परम लक्ष्य है । ईश्वर प्राप्ति के द्वारा वैश्विक भाईचारे की स्थापना संभव है तथा संपूर्ण मानव जाति के कल्याण तथा विश्व व्यापी शांति और समृद्धि के लिए ईश्वरअनुभूति अत्यंत आवश्यक हैनिरंकारी मिशन सच का संदेश देश-विदेश और गांव-गांव में पहुंचा रहा है।

सच परमात्मा है और यह हमारे अंग-संग विराजमान है जिसकी अनुभूति निरंकारी मिशन करवा रहा है महात्मा ने कहा कि परमात्मा का बोध सतगुरू की कृपा से संभव है जिससे ब्रह्मज्ञान कहा गया है। उन्होंने कहा कि जब हमें परमात्मा का दीदार हो जाता है उसके बाद कोई भ्रम नहीं रह जाता है। ब्रह्मïज्ञानी वही कहलाया जाता है जो परमात्मा को अंग-संग महसूस करते हुए सद्मार्ग पर चलता है। नफरत निंदा से परे हो जाता है और दूसरे के सुख में अपनी खुशियां मनाता है। उन्होंने कहा कि  निरंकारी मिशन यह संदेश दे रहा है कि परमात्मा को जाना जा सकता है जिसके लिए किसी तपस्या या भक्ति की जरूरत नहीं। जिज्ञासू पल भर में पूर्ण सद्गुरू से पल भर में कण-कण में व्याप्त इस निराकार सत्ता की अनुभूति कर सकता है। ललित अबरोल जी ने कहा कि निरंकारी मिशन के उपदेशों का अनुसरण ही मिशन की शिक्षा है। हमारा व्यवहार सौहार्दपूर्ण और मेल-मिलाप वाला होना चाहिए। व्यवहार से निरंकारी होना चाहिए न कि हम बोल कर बताएं कि हम निरंकारी हैं

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!