निराकार का विस्तार हर जगह है और यह कभी खत्म होने वाला नहीं है
सन्तोष गुलेरिया निराकार के एहसास में रहकर हम अपनी सोच का विस्तार करें
डलहौजी/ चंबा 1 दिसंबर मुकेश कुमार (गोल्डी)
आज स्थानीय निरंकारी सत्संग भवन बनीखेत में साप्ताहिक सत्संग का आयोजन किया गया जिसमें प्रवचन करते हुए गुलेर ब्रान्च के मुखी बहन सन्तोष गुलेरिया जी ने फरमाया किजीवन में विस्तार आवश्यक है और यह हर चीज में सभंव है इस निराकार का विस्तार हर जगह है और यह कभी खत्म होने वाला नहीं है। निराकार के एहसास में रहकर हम अपनी सोच का विस्तार करें । जीवन के हर पल , हर पहलू में अच्छाइयों का ही विस्तार हो। जब निराकार से पूरी तरह से जुड गए तो वाकई ही हमारा हर पल सुनहरा है जब हम सच्चाई के साथ जुड़े हैं तो हम जीवन को किस तरह से जी रहे हैं।
उन्होंने कहा कि संत निरंकारी मिशन कोई धर्म या संप्रदाय नहीं बल्कि एक आध्यात्मिक विचारधारा है जो ब्रह्मज्ञान पर आधारित है। ब्रह्मज्ञान सतगुरु की कृपा से प्राप्त होता है लेकिन उस पर विश्वास महापुरुषों की संगत में आने से ही दृढ़ होता है।जैसे-जैसे हम सत्संग करते हैं वैसे वैसे हमारा मन स्थिर होता जाता है शान्त होता चला जाता है मन को शक्ति मिलती है क्योंकि उसको पता लग जाता है कि सर्व शक्तिमान परमात्मा, जो निराकार है अंग संग है । सत्संग में आने से ही उसे विश्वास होता है कि सब सुखों को देने वाला निरंकार प्रभु ही है । इस अवसर दूर दराज गांवो से टप्पर, चौहडा सिमणी, गोली ,बाथरी , बगडार , ढलोग इत्यादि गांवो से श्रदालुओं ने कण कण में विराजमान परमात्मा का भजन प्रवचन कविता के माध्यम से गुणगान किया