प्याज की कालाबाजारी हेतु प्रदेश सरकार ने कसी कमर, कालाबाजारी करने वालों के खिलाफ होगी कानूनी कार्रवाई

प्याज की कालाबाजारी हेतु प्रदेश सरकार ने कसी कमर, कालाबाजारी करने वालों के खिलाफ होगी कानूनी कार्रवाई

शिमला 2 नवंबर (ब्यूरो) चंबा न्यूज़ एक्सप्रेस

देश में प्याज की पैदावार कम होने पर हिमाचल में इसके के दाम आसमान छूने लगे हैं। ऐसे में बड़े कारोबारी और व्यापारी गोदामों में प्याज का स्टॉक जमा करने लगे हैं। हिमाचल सरकार प्याज के दामों पर नजर बनाए हुए है। सरकार ने खाद्य नागरिक और उपभोक्ता मामले विभाग को प्याज के थोक विक्रेताओं के गोदामों में छापेमारी के निर्देश दिए हैं। अगर किसी कारोबारी ने प्याज का स्टॉक जमा किया होगा तो सख्त कार्रवाई होगी। वहीं, इन कारोबारियों को लाखों रुपये तक का जुर्माना हो सकता है। बीते साल अक्तूबर – नवंबर में प्याज 200 रुपये किलो तक पहुंच गया था। उस दौरान भी सरकार ने थोक विक्रेताओं के लिए गोदामों में 20 क्विंटल प्याज और 10 क्विंटल आलू का स्टॉक रखने की सीमा निर्धारित की थी। हिमाचल में अगर प्याज के दाम नहीं रोकते है तो सरकार स्टोरेज लिमिट तय करेगी। हिमाचल प्रदेश में सप्ताह के भीतर की प्याज के दाम बढ़े है। इससे पहले प्याज 30 से 40 रुपये प्रतिकिलो बिक रहा था।सरकार का मानना है कि देश में प्याज की कमी चल रही है। प्याज के थोक विक्रेताओं ने प्याज का स्टाॅक जमा कर दिया है। अब इसे महंगे दामों में बाजार में भेजा जा रहा है। ऐसे में त्योहारी सीजन के चलते बाजार में प्याज ने लोगों के आंसू निकाल दिए है। हिमाचल में लगातार बढ़ती प्याज की कीमत से लोग परेशान हैं। दुकानदारों का कहना है कि मंडी में थोक भाव बढ़ने के कारण प्याज महंगा बिक रहा है। प्याज में अचानक महंगाई की वजह से बिक्री में काफी कमी आई है। दुकानदारों ने कहा बाहरी राज्यों में बारिश की वजह से फसल खराब हो गई थी जिसकी वजह से दामों में बढ़ोतरी हुई है। अभी मंडी में प्याज दिल्ली और नासिक से आ रहा है। नई फसल बाजार में आना शुरू होगी तो दाम गिरेंगे। खाद्य नागरिक एवं उपभोक्ता मामले विभाग के निदेशक रामकुमार गौतम ने बताया कि जिला खाद्य नियंत्रक अधिकारियों को थोक विक्रेताओं के गोदामों में निरीक्षण करने के निर्देश जारी किए हैं। सब्जी मंडियों में भी जिन दुकानदारों ने मूल्य सूची नहीं लगाई है, उनके चालान काटने के लिए कहा गया है।

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