पीएम श्री केंद्रीय विद्यालय बनीखेत में “शिक्षा का अधिकार” को लेकर एक दिवसीय कार्यशाला का हुआ आयोजन

पीएम श्री केंद्रीय विद्यालय बनीखेत में “शिक्षा का अधिकार” को लेकर एक दिवसीय कार्यशाला का हुआ आयोजन

बनीखेत 12 दिसंबर मुकेश कुमार

उपमंडल डलहौज़ी के तहत आते पीएम श्री केन्द्रीय विद्यालय बनीखेत में आज छात्रों के उज्जवल भविष्य के लिए व्यवसायिक निर्देशन एवं परामर्श (गाइडेंस एंड काउंसलिंग) और शिक्षा का अधिकार पर कार्यशाला का आयोजन किया गया । कार्यशाला में दीपक शंकर शर्मा सहायक प्रोफेसर मिलेनियम बीऐड कॉलेज चंबा और देवेन्द्र पुरी सहायक प्रोफेसर मिलेनियम बीऐड कॉलेज चंबा ने मुख्य वक्ता के रूप में शिरकत की। इस दौरान जहाँ दीपक शंकर शर्मा ने शिक्षा का अधिकार पर बच्चों को बहुमूल्य जानकारी प्रदान की तो वहीँ देवेन्द्र पुरी ने बच्चों को उनके उज्जवल भविष्य के लिए व्यवसायिक निर्देशन एवं परामर्श पर प्रकाश डाला।

दीपक शंकर शर्मा ने बच्चों को बताया कि 6 से 14 साल की उम्र के हरेक बच्चे को मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा का अधिकार है। संविधान के 86वें संशोधन द्वारा शिक्षा के अधिकार को प्रभावी बनाया गया है। उन्होंने बच्चों को बताया कि सरकारी स्कूल सभी बच्चों को मुफ्त शिक्षा उपलब्ध करायेंगे और स्कूलों का प्रबंधन स्कूल प्रबंध समितियों (एसएमसी) द्वारा किया जायेगा। निजी स्कूल न्यूनतम 25 प्रतिशत बच्चों को बिना किसी शुल्क के नामांकित करेंगे। उन्होंने कहा कि मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा का अधिकार (आरटीई) कानून 2009 का पास होना भारत के बच्चों के लिए ऐतिहासिक क्षण है। भारत के इतिहास में पहली बार बच्चों को गुणवत्तांपूर्ण प्राथमिक शिक्षा का अधिकार दिया गया है जिसे राज्य द्वारा परिवार और समुदायों की सहायता से किया जाएगा। उन्होंने कहा कि शिक्षा के अधिकार का उद्देश्य बच्चों का सर्वांगीण विकास करना है ।

वहीँ देवेन्द्र पुरी ने कहा कि सामाजिक जीवन का एक बड़ा भाग मनुष्य जीविकोपार्जन में व्यतीत करता है। वास्तविक रूप से मनुष्य अपने व्यवसाय के माध्यम से ही सामाजिक उत्तरदायित्वों को कुशलता से पूरा करता है और यही उसके व्यक्तिगत सन्तोष का उत्प्रेरक है। व्यवसाय व्यक्ति के केवल सामाजिक जीवन को ही नहीं प्रभावित करता अपितु वह व्यक्ति की विचारशक्ति, भावना, तर्कशक्ति एवं व्यक्तित्व को भी प्रभावित करता है। उन्होंने बच्चों को बताया कि नेशनल वोकेशनल गाइडेंस एसोसिएशन ने सन् 1924 में सर्वप्रथम व्यावसायिक निर्देशन को इस प्रकार परिभाषित किया- “किसी व्यवसाय को चुनने, उसके लिये आवश्यक तैयारी करने, उसमें नियुक्ति पाने तथा वहाँ प्रगति करने के लिये सूचना, अनुभव एवं राय देना ही व्यवसाय निर्देशन है ।”इससे पहले मुख्य वक्ताओं के पीएम श्री केन्द्रीय विद्यालय बनीखेत में पहुँचने पर विद्यालय की प्रचार्या कर्मजीत कौर ने स्टाफ सहित स्वागत किया। वहीँ कार्यशाला के अंत में अर्थशास्त्र के अध्यापक कृष्ण कुमार ने आये हुए मुख्य वक्ताओं का आभार व्यक्त किया। कार्यशाला के दौरान विद्यालय का समस्त स्टाफ और विद्यार्थी उपस्थित रहे।

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