बंदरों के आतंक से डलहौजी व आसपास क्षेत्र के लोग परेशान, वन विभाग से इन्हें काबू करने की मांग
अनंत ज्ञान**डलहौजी मुकेश कुमार
उपमंडल डलहौजी वह इसके तहत आने वाले कई गांव बंदरों के आतंक से अच्छे खासे परेशान हैं। बताते चलें कि बंदरों का अक्सर उन राहगीरों को अपना निशाना बनाता है ,जो लोग अपने हाथों में सामान से भरे लिफाफे अथवा बैग इत्यादि लिए रहते हैं। उनसे झपट्टा मारकर बैग या लिफाफे छीन कर भाग जाते हैं कई बार बंदरों के ऐसा करने से कि लोग घायल भी हुए हैं। कई बार तो इन आक्रामक बंदरों की वजह से बुजुर्ग एवं बच्चे निशाना बन चुके हैं बात अगर प्रसिद्ध पर्यटक नगरी डलहौजी की की जाए तो गत वर्ष तीन से चार ऐसे मामले प्रकाश में आए थे की बंदरों के झुंडों के हमले से लोगों को टांडा मेडिकल कॉलेज भेजना पड़ा था।इस बारे में वन विभाग को लिखित एवं मौखिक रूप से शिकायत भी की गई किंतु अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए। हालांकि प्रभागीय वन अधिकारी डलहौजी रजनीश महाजन ने जानकारी देते हुए बताया कि वन विभाग द्वारा कई बार मंकी कैचर टीम को भी तैनात किया गया तथा कई बंदरों को पड़कर दूर जंगलों में भी छोड़ा गया।
किंतु यह दोबारा से आबादी वाले क्षेत्र का दोबारा से रुख कर लेते हैं अभी मौजूदा समय में ऊंचाई वाले क्षेत्रों में ठंड अधिक होने के कारण यह निचले क्षेत्र का रुख कर लेते हैं। लेकिन प्रशासन अपनी तरफ से पुरी कोशिश कर रहा है कि इस समस्या का कोई ठोस हल निकाला जाए। काबिले गौर है कि तमाम डलहौजी क्षेत्र में बंदरों की तादाद में काफी इजाफा हो गया है इनके झुंडों द्वारा खेतों में लगी फसलों, फलों, फूलों एवं हर उस चीज का नुकसान करते हैं जो घरों के बाहर रहती हैं इनके आतंक से लोगों में भी अच्छी खासी दहशत का माहौल बना हुआ है। डलहौजी, डलहौजी छावनी, बनीखेत ,पुखरी ,ढलोग, बगढार ,रोहला, रूलयानी, कोठा एवं बाथरी एवं इसके आसपास के क्षेत्र में बंदरों का आतंक इस तरह व्याप्त है की जगहों पर लोगों को घरों से डंडे लेकर बाहर निकालना पड़ता है।