बिना भक्ति के ईश्वर को नहीं जाना जा सकता ईश्वर को पाने के लिए भक्ति ही एकमात्र सहारा -:बहन मेघा

बिना भक्ति के ईश्वर को नहीं जाना जा सकता ईश्वर को पाने के लिए भक्ति ही एकमात्र सहारा -:बहन मेघा

चम्बा (डलहौजी) 31 दिसंबर मुकेश कुमार ( गोल्डी)

निरंकारी मिशन की डल्हौजी शाखा ने आज सत्संग का आयोजन किया जिसमें बहन मेघा जी  ने संगत को प्रवचनों से निहाल किया। उन्होनें हरदेव वाणी का जिकर करते हुए कहा कि जिसकी भक्ति जिसकी पूजा उसका ज्ञान जरूरी है। संत निरंकारी मिशन कोई धर्म या संप्रदाय नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक विचारधारा है  निरंकारी मिशन विभिन्न विचारधाराओं में आस्था रखने वाले संसार के सभी इंसानों का सामान करता है।

युगों युगों से पवित्र ग्रन्थों में स्थापित इस मान्यता में विश्वास रखता है कि साकार सतगुरु के माध्यम से ही परमपिता परमात्मा की  जानकारी प्राप्त हो सकती है और आत्मबोध ही मानव जीवन का परम लक्ष्य है । ईश्वर प्राप्ति के द्वारा वैश्विक भाईचारे की स्थापना संभव है तथा संपूर्ण मानव जाति के कल्याण तथा विश्व व्यापी शांति और समृद्धि के लिए ईश्वर अनुभूति अत्यंत आवश्यक है । निरंकारी मिशन सच का संदेश देश-विदेश और गांव-गांव में पहुंचा रहा है। सच परमात्मा है और यह हमारे अंग-संग विराजमान है जिसकी अनुभूति निरंकारी मिशन करवा रहा है महात्मा ने कहा कि परमात्मा का बोध सतगुरू की कृपा से संभव है जिससे ब्रह्मज्ञान कहा गया है।

उन्होंने कहा कि जब हमें परमात्मा का दीदार हो जाता है उसके बाद कोई भ्रम नहीं रह जाता है। ब्रह्मïज्ञानी वही कहलाया जाता है जो परमात्मा को अंग-संग महसूस करते हुए सद्मार्ग पर चलता है। नफरत निंदा से परे हो जाता है और दूसरे के सुख में अपनी खुशियां मनाता है। उन्होंने कहा कि  निरंकारी मिशन यह संदेश दे रहा है कि परमात्मा को जाना जा सकता है जिसके लिए किसी तपस्या या भक्ति की जरूरत नहीं। जिज्ञासू पल भर में पूर्ण सद्गुरू से पल भर में कण-कण में व्याप्त इस निराकार सत्ता की अनुभूति कर सकता है।

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