डलहौजी क्षेत्र में ऑनलाइन मार्केट एवं बड़ी कंपनियों के शोरूमों ने स्थानीय व्यापारियों के काम पर डाला असर

चम्बा 26 अगस्त मुकेश कुमार ( गोल्डी)

जिला चंबा बेशक पिछड़ा हुआ जिला है किंतु बीते कुछ सालों से ऑनलाइन मार्केट ने पूरे जिला को अपनी ग्राफ्ट में ले लिया है जिससे जिला का डलहौजी क्षेत्र भी अछूता नहीं है आज डलहौजी एवं इसके साथ लगते क्षेत्र बनीखेत, बाथरी, देवीदेहरा नैनीखड़ एवं खैरी के बाजारों के मौजूदा हालात कुछ खास अच्छे देखने को नहीं मिल रहे हैं। काबिले गौर है कि क्षेत्र में ज्यादातर छोटे व्यापारी है कुछ की अपनी दुकानें हैं कई व्यापारी किराए पर दुकान में लेकर अपनी गुजर बसर कर रहे हैं। कोरोना काल से अब तक सबसे ज्यादा आहत व्यापारी वर्ग ही हुआ है क्योंकि छोटा व्यापारी पूरे 2 साल तक कोरोना महामारी की मार से जूझता रहा जिसका ना तो सरकार ने की हाथ पकड़ा और ना ही बैंकों ने उसका साथ दिया। मौजूदा समय में हिमाचल के आपदा जैसे हालात किसी से छुपी नहीं है क्षेत्र ज्यादातर बाहरी लोगों के आवागमन पर ही चलता है इस साल वह भी ना मात्र ही देखने को मिल रहा है ऊपर से ऑनलाइन मार्केट ने पूरे बाजारों का हाल खराब किया हुआ है जिसमें छोटा व्यापारी सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है। स्थानीय व्यापारियों से बात करने पर उन्होंने जानकारी देते हो बताया कि मौजूदा हालात बहुत खराब है।

इसी पर बनीखेत के दुकानदार हरीश इलेक्ट्रॉनिक्स के मालिक हितेश गुप्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि ऑनलाइन मार्केट में छोटे व्यापारियों को लगभग खत्म ही कर दिया है जिससे व्यापारियों में भारी रोश है हालांकि इलेक्ट्रॉनिक्स चीजों में लोगों को अब पता चल चुका है की वह कितने टिकाऊ हैं और उनकी गुणवत्ता कैसी है सर्विस के नाम पर हमेशा ऑनलाइन मार्केट उपभोक्ताओं को ठेंगा ही दिखती हैं लेकिन फिर भी लोगों का झुकाव ऑनलाइन मार्केट की तरफ ही है।


तो वही बनीखेत के रेडीमेड कपड़ा व्यापारी गौरव गंडोत्रा ने जानकारी देते हुए बताया कि बनीखेत में ज्यादातर दुकानदार किराए पर अपनी दुकानदारी चला रहे हैं ऑनलाइन मार्केट की वजह से स्थानीय व्यापारियों में भारी रोष व्याप्त है क्योंकि इनकी वजह से ही छोटा व्यापारी जो है दिन प्रतिदिन खत्म होता जा रहा है बाजारों में ग्राहकों के चलन में भी भारी असर देखने को मिल रहा है क्योंकि ऑनलाइन मार्केट उन्हें घर बैठे ही समान मुहिया करवा रही है। बेसिक क्वालिटी ना मात्र ही क्यों ना हो लेकिन कहीं ना कहीं छोटे कपड़ा व्यापारियों पर इसका असर जरूर देखने को मिला है ऊपर से खराब मौसम ने भी रही सही कसर निकाल दी है।


बनीखेत के ही दुकानदार संजय जनरल स्टोर के मालिक संजू ने जानकारी देते हुए बताया की कोरोना काल में भी छोटा व्यापारी ही आहत हुआ ना बैंक ना सरकार की तरफ से कोई सहायता मिली और रही सही कसर ऑनलाइन मार्केट निकल रही है सिर्फ अगर बात बनीखेत बाजार की करें तो बनी खेत में आज ज्यादातर दुकानों में ताले जड़े हुए हैं। क्योंकि दुकानदार बनने का भ्रम लोगों के मन से उतरता जा रहा है क्योंकि किराया और बिजली का खर्चा पूरा करना मुश्किल हो जाता है।

स्थानीय बाजार के कपड़ा व्यापारी ओंकार सिंह भरमौर वाले ने जानकारी देते हुए बताया कि बनीखेत बाजार पर तो मौजूदा टाइम में ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों की मार पड़ी है क्योंकि ऑनलाइन मार्केट घर बैठे हर चीज माहिया करवा रही है तो वही ऑफलाइन मार्केट बनी खेत में खुले को बड़े-बड़े शोरूम रही सही कसर निकाल रहे हैं आए दिन सेल के नाम पर लोगों लालच दिया जाता है जिसका सीधा असर छोटे व्यापारियों को देखने को मिल रहा है। उन्हें तो किराया बैंक की किस एवं घर का खर्च निकालना तक मुश्किल होता जा रहा है इसी कारण बनीखेत बाजार में ज्यादातर दुकानों में ताले लगते जा रहे हैं।

गौरतलब है कि ज्यादातर दुकानदारों को अपने भविष्य को लेकर चिंता सताने लगी है क्योंकि जिला में बड़े-बड़े शोरूम अपना पांव पसारते जा रहे हैं वहीं ऑनलाइन मार्केट भी हर व्यक्ति को अपनी पहुंच में ले रही है इसकी विपरीत स्थानीय व्यापारी को अपने रोजमर्रा के खर्च निकालना तक मुश्किल होते जा रहे हैं।

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