निजी शिक्षण संस्थान द्वारा हरे भरे पेड़ पर कील ठोककर पेड़ों का छलनी किया जा रहा सीना, वन विभाग मौन

निजी शिक्षण संस्थान द्वारा हरे भरे पेड़ पर कील ठोककर पेड़ों का छलनी किया जा रहा सीना, वन विभाग मौन

डलहौजी/चंबा 1 दिसंबर मुकेश कुमार (गोल्डी)

जहां एक और पूरा देश प्रकृति के संरक्षण एवं बचाव की बात करता है तो वहीं दूसरी और कुछ लोग अपना नाम चमकाने और अपने आप को दूसरों से सर्वश्रेष्ठ दिखाने के चक्कर में हरे भरे पेड़ों नुकसान पहुंचाने से भी पीछे नहीं हटते तथा कानून को ठेंगा दिखाते प्रतीत होते हैं बड़ी-बड़ी किले ठोकर अपने ब्रांड की होल्डिंग टांग रहे इन निजी शिक्षण संस्थान को मानो किसी का डर खौफ ही नहीं है। ऐसा ही एक मामला बनीखेत के साथ लगते खैरी पुल पर देखने को मिला जहां सड़क किनारे छायादार पेड़ पर लंबी-लंबी क़िले ठोकर कि निजी शिक्षण संस्थान द्वारा अपने नाम को चमकाया जा रहा है।

हालांकि इसको लेकर माननीय उच्च अदालत ने भारी भरकम जुर्माना एवं सजा का भी प्रावधान रखा है बावजूद इसके भी बेख़ौफ़ एवं बेपरवाह होकर इस निजी संस्थान द्वारा अपने आप को चमकाने हेतु हरे भरे पेड़ों का सीना छलनी करने से पहले दया भाव नहीं दिखा। तो वहीं स्थानीय पर्यावरण प्रेमी एवं समाजसेवियों ने उक्त निजी संस्थान पर भारी जुर्माना एवं सजा की मांग की है ताकि और लोगों को भी सबक मिल सके ताकि वह पर्यावरण के भक्षक ना होकर रक्षक सिद्ध हो सके। बता दे कि इस बारे में लिखित एवं मौखिक रूप से स्थानीय वन विभाग को अवगत करवाया गया किंतु उनके द्वारा ना तो उक्त शिक्षण संस्थान पर ही कोई कार्रवाई की गई तो वहीं इन लगे एडवरटाइजमेंट बोर्ड को ही हटाया गया।

काबिले गौर है कि ऐसे होल्डिंग बाहरी राज्यों से आने वाले प्राकृतिक के प्रेमियों को आहत करते हैं तथा स्थानीय प्रशासन तथा विभाग के सुस्त रवैये को उजागर करते हैं। बता दें कि न 154 के एक और लगे यह होल्डिंग कहीं ना कहीं कानून को ठेंगा दिखाते प्रतीत होते हैं और यही से विभाग के कि वहां भी गुजरते हैं किंतु किसी भी आलाधिकारी कर्मचारी का ध्यान इसकी और नहीं गया और ना ही इन होल्डिंग्स को हटाया गया और ना ही उक्त संस्थान पर कोई कार्यवाही ही की गई जो अपने आप में कई सवाल या निशान उठना है।

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