
सरोल तथा कियाणी में ख़ुदकुशी की रोकथाम के लिए एकदिवसीय जागरूकता शिविर का आयोजन
चंबा 19 जनवरी मुकेश कुमार (गोल्डी)
माध्यमिक पाठशाला सरोल एवं कियाणी में स्वास्थ्य विभाग चंबा की तरफ से मानसिक स्वास्थ्य एवं आत्महत्या रोकथाम विषय पर जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया I इस शिविर में क्लास नवमी से 12वीं तक के बच्चों को उपरोक्त विषय पर जानकारी देते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी चंबा के कार्यालय से आए हुए छाँगा राम ठाकुर, जन सूचना एवं संप्रेषण अधिकारी ने बताया कि लगभग हर आत्माहत्या एक ऐसी क्षति है, जिसे रोका जा सकता है I आत्महत्या से होने वाली एक मौत से उस व्यक्ति से जुड़े 60 लोग प्रभावित होते हैं, जबकि 20 लोग आत्महत्या की कोशिश करते हैं I साल 2019 में भारत में आत्महत्या करने से 140000 लोगों की मृत्यु हुई जो दुनिया भर में आत्महत्या से होने वाली मौतों का 17 प्रतिशत है I

इन चिंताजनक आंकड़ों के बावजूद वैश्विक स्तर पर और भारत में आत्महत्या रोकने पर लगभग नहीं के बराबर बात होती है I बुरी बात तो यह है कि आत्महत्या को व्यक्ति के निजी मामलों के रूप में देखा जाता है,ना कि ऐसे रूप में जिसे रोका जा सके I इसे शायद ही ऐसे सामाजिक मुद्दे के तौर पर देखा जाता है जिसका समाधान सरकार, स्वास्थ्य व्यवस्था,एन जी ओ,कार्यस्थल, मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों और समुदायों द्वारा करने की जरूरत है I आत्महत्या की रोकथाम के उपाय केवल मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ द्वारा नहीं बताए जाने चाहिए बल्कि समुदाय के लोगों की तरफ से भी आने चाहिएI इसके साथ ही जिन में आत्महत्या का विचार आता है उन्हें व्यावहारिक या भावनात्मक तौर पर मदद करने के लिए लोगों का एक समूह तैयार करने की आवश्यकता है I

आत्महत्या से जुड़े स्टिग्मा के चलते आत्महत्या के विचार से जूझ रहे बहुत सारे लोगों को पता नहीं होता है कि किस मदद लेनी चाहिए I खुलेआम आत्महत्या पर बात करने से आत्महत्या को बढ़ावा नहीं मिलता, बल्कि किसी व्यक्ति को दूसरा विकल्प या उसे अपने निर्णय पर दोबारा सोचने का वक्त दे सकता है जिससे आत्महत्या को रोका जा सकता है I इस अवसर पर हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर घनेटी से सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी सोनाक्षी मंडला तथा दीपक जोशी ने भी अपने विचार रखे I