अमित शाह के बाबा साहब अंबेडकर के आपत्तिजनक बयान पर चंबा के विभिन्न संगठनों ने उपायुक्त चंबा को सोंपा ज्ञापन
चंबा 26 दिसंबर मुकेश कुमार (गोल्डी)
आज अम्बेडकर मिशन सोसाइटी चम्बा, श्री गुरु रविदास सभा चम्बा, श्री गुरु रविदास महासभा चम्बा, जिला चम्बा अनुसूचित जाति कल्याण समिति, अम्बेडकर सेवानिवृत्त कर्मचारी कल्याण संघ चम्बा, भीमा बाई महिला मंडल चम्बा व अन्य सामाजिक संस्थाओं के सयुंक्त तत्वावधान एवं सहयोग स्वरूप माननीय जिलाधीन, चम्बा जिला चम्बा के माध्यम से महामहिम राष्ट्रपति, भारत गणराज्य को केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह द्वारा बाबा साहिब डॉ. भीमराव अम्बेडकर पर की गई आपत्तिजनक एवं अशोभनीय टिप्पणी बारे एक ज्ञापन दिया गया। उक्त जानकारी देते हुए अम्बेडकर मिशन सोसाइटी चम्बा के अध्यक्ष योगेश्वर अहीर ने कहा कि अभी हाल ही में 17 दिसंबर, 2024 को संसद के विशेष सत्र में केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने डॉ. अम्बेडकर के नाम को लेकर आपत्तिजनक अशोभनीय टिप्पणी की है। उन्होंने कहा कि “अम्बेडकर का नाम लेना अब फैशन हो गया है। अम्बेडकर, अम्बेडकर, अम्बेडकर, अम्बेडकर, अम्बेडकर, अम्बेडकर.. अगर इतना नाम भगवान का लिया होता, तो सात जन्मों तक स्वर्ग मिल जाता”।
इस ब्यान के बाद दलित, वंचित और अम्बेडकरवादी संगठनों में रोष है। महोदया, हम मांग करते हैं कि केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह संसद में सार्वजनिक रूप से माफी मांगें व अपने पद से इस्तीफा दें। इसके इलावा केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पदमुक्त करने और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की भी हम पुरजोर मांग करते हैं । हम मांग करते हैं कि भारत गणराज्य के संविधान निर्माता के प्रति अपमानजनक रवैया रखने वाले लोगों की बयानबाजी पर रोक लगाई जाए ।केंद्रीय मंत्री अमित शाह द्वारा डॉ. भीमराव अम्बेडकर पर की गई टिप्पणी ने समाज के एक बड़े वर्ग की भावनाओं को ठेस पहुँचाई है। डॉ. अम्बेडकर का योगदान भारतीय समाज और राजनीति को दिशा देने में अत्यंत महत्वपूर्ण रहा है। उनकी विचारधारा और कार्यों ने करोड़ों लोगों को प्रेरित किया है।
ऐसे में संवैधानिक एवं उच्च पद पर बैठे किसी व्यक्ति द्वारा उन्हें लेकर की गई आपत्तिजनक टिप्पणी न केवल अनुचित है, बल्कि यह हमारे समाज के समरसता और एकता को भी कमजोर करती है। हम आशा करते हैं कि ऐसे मामलों में उचित कार्रवाई की जाएगी ताकि आगे से इस प्रकार की टिप्पणियों की पुनरावृत्ति न हो। अतः आपसे विनम्र अनुरोध है कि इस मामले की गंभीरता को देखते हुए आवश्यक कदम उठाए जाएँ और संबंधित मंत्री के विरुद्ध उचित कार्रवाई करना सुनिश्चित किया जाये ताकि संघर्ष का रास्ता न अपनाना पड़े।