परमात्मा को जानने के लिए तपस्या या भक्ति जरूरी नहीं, सद्गुरू  ही करवा सकता है परमात्मा का बोध :- शिवानी

परमात्मा को जानने के लिए तपस्या या भक्ति जरूरी नहीं, सद्गुरू  ही करवा सकता है परमात्मा का बोध :- शिवानी

डलहौजी /चंबा 19जनवरी मुकेश कुमार (गोल्डी)

निरंकारी मिशन की डलहौजी शाखा ने बीते कल रविवार को साप्ताहिक सत्संग का आयोजन किया जिसमें बहन शिवानी ने आई हुई संगत को अपने प्रवचनों से निहाल किया। उन्होनें कहा कि निरंकारी मिशन सच का संदेश देश-विदेश और गांव-गांव में पहुंचा रहा है। सच परमात्मा है और यह हमारे अंग-संग विराजमान है जिसकी अनुभूति निरंकारी मिशन करवाता आ रहा है बहन ने कहा कि परमात्मा का बोध सतगुरू की कृपा से संभव है जिसे ब्रह्मज्ञान कहा गया है। उन्होंने कहा कि जब हमें परमात्मा का दीदार हो जाता है उसके बाद कोई भ्रम शेष नहीं रह जाता है। ब्रह्मïज्ञानी वही कहलाता है जो परमात्मा को हमेशा अपने अंग-संग महसूस करते हुए सदमार्ग पर चलता है। नफरत निंदा से परे हो जाता है और दूसरे के सुख में अपनी खुशियां मनाता है।

उन्होंने कहा कि  निरंकारी मिशन यह संदेश दे रहा है कि परमात्मा को जाना जा सकता है जिसके लिए किसी तपस्या या भक्ति की जरूरत नहीं। जिज्ञासू पल भर में पूर्ण सद्गुरू से पल भर में कण-कण में व्याप्त इस निराकार सत्ता की अनुभूति कर सकता है। महात्मा ने कहा कि निरंकारी मिशन के उपदेशों का अनुसरण ही मिशन की शिक्षा है। हमारा व्यवहार सौहार्दपूर्ण और मेल-मिलाप वाला होना चाहिए। व्यवहार से निरंकारी होना चाहिए न कि हम बोल कर बताएं कि हम निरंकारी हैं। इस दौरान महात्मा राज , अनिल गुप्ता, प्रीतम चंद, वन्दना, ईच्छा राम, संजीव कुमार, आदि ने भजन प्रवचनों क माध्यम से निरंकार प्रभु का गुणगान किया।    

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