सुविधाओं के अभाव के चलते 28 वर्षीय महिला की मौत, जम्मू एंड कश्मीर से इलाज हेतु हिमाचल

चम्बा 5 अगस्त मुकेश कुमार (गोल्डी)

आज प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बनीखेत में सुविधाओं के अभाव से एक महिला की मृत्यु का मामला प्रकाश में आया है प्राप्त जानकारी के अनुसार 28 वर्षीय सुंदरी पत्नी दर्शन गांव द्रमण तहसील बसौली जिला कठुआ जम्मू और कश्मीर से संबंध रखने वाली महिला को अच्छी स्वास्थ्य सेवाओं एवं इलाज के मध्य नजर हिमाचल का रुख किया क्या पता था की उनका यह फैसला कभी न मिटने वाला दुख दे देगा। परिजनों ने जानकारी देते हुए बताया कि आज सुबह करीब साढ़े बारह बजे मरीज महिला को घर से स्वास्थ्य केंद्र बनीखेत लाया गया जहां पहुंचते ही सभी स्वास्थ्य कर्मियों एवं डॉक्टर द्वारा महिला मरीज की हालत को देखते हुए उनका इलाज शुरू किया गया। महिला मरीज की उस दौरान सांसों में तकलीफ की समस्या उत्पन्न हो रही थी जिसके मद्देनजर डॉक्टर ने निंमोलाईसर करना चाहा जैसे ही उन्होंने तैयारी शुरू की वैसे ही पीएचसी में लाइट चली गई। जिस पर डॉक्टर ने मरीज की हालत को देखते हुए डलहौजी रेफर कर दिया जैसे तैसे मरीज को डलहौजी पहुंचाया गया, लेकिन डलहौजी पहुंचते ही स्वास्थ्य कर्मी एवं डॉक्टरों ने इलाज प्रारंभ किया वैसे ही महिला मरीज की मृत्यु हो गई। इस पर बिलखते परिजनों ने अपने भाग्य को कोसते हुए बताया कि हमने सुन रखा था हिमाचल में अच्छी स्वास्थ्य सुविधाएं एवं अच्छा इलाज होता है लेकिन हमारा यह फैसला गलत साबित हुआ और हमारे इस फैसले ने हमारी परिजन की जान ले ली। हमें क्या मालूम था कि सबसे ज्यादा बनीखेत में ही सुविधाओं का अभाव है। काबिले गौर है कि बनीखेत एनएच 154 ए पर स्थित एक संपन्न गांव है जहां स्वास्थ्य के नाम पर महज औपचारिकताएं मात्र है कई बार स्थानीय पंचायत एवं लोगों ने सरकार एवं स्वास्थ्य विभाग को स्वास्थ्य संबंधी सेवाओं हेतु अपनी मांग रखी लेकिन आज भी वह ज्यों की त्यों है 50 मिनट का अस्पताल तो बना दिया लेकिन वहां अभी भी सुविधाओं एवं स्टाफ की कमी है। कभी दवाइयां नहीं मिलती कभी बिजली को लेकर मशीनें नहीं चलती तो कभी टेस्ट करवाने हेतु यह वहां के धक्के खाने पड़ते हैं।तो वहीं इस सारे मामले हेतू *बीएमओ समोट डॉ श्याम* से बात की गई तो उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि लगभग सभी उपकरण जो है वह बिजली के साथ ही चलते हैं बिना बिजली के यह मशीनें मात्र शोपीस ही है। अगर आज पीएचसी बनीखेत में लाइट चली गई तो इसमें अस्पताल का कोई कसूर नहीं है उन्होंने अपनी तरफ से पूरी कोशिश की है। किंतु कमी को मध्य नजर रखते हुए बहुत जल्द बनीखेत को एक जनरेटर उपलब्ध करवाया जाएगा ताकि बिना बिजली के भी काम चलाया जा सके।

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