जल्द ही हेली टैक्सी सेवा से जुड़ेगा डलहौजी क्षेत्र, स्थानीय प्रशासन द्वारा बगढार में हेलीपोर्ट हेतु जगह चिन्हित

जल्द ही हेली टैक्सी सेवा से जुड़ेगा डलहौजी क्षेत्र, स्थानीय प्रशासन द्वारा बगढार में हेलीपोर्ट हेतु जगह चिन्हित

चंबा 1 दिसंबर मुकेश कुमार (गोल्डी)

जिला चंबा के पर्यटन को और ऊंचाइयों तक पहुंचाने के उद्देश्य से बीते कल उपमंडलाधिकारी डलहौजी नागरिक अनिल भारद्वाज ने विभिन्न विभागों के पदाधिकारी के साथ मिलकर डलहौजी को हवाई सेवा के साथ जोड़ने हेतु हेलीपोर्ट हेतु ग्राम पंचायत बगढार में जगह का निरीक्षण किया गया। जिस पर आए हुए सभी विभागों के पदाधिकारी एवं उपमंडल अधिकारी अनिल भारद्वाज द्वारा तो मोहर लगा दी गई है किंतु इससे आगे का प्रोसेस सरकार द्वारा तय करना है। बताते चलें कि जिला चंबा हवाई सेवाओं से अछूता रहा है इसी उद्देश्य के मध्य नजर प्रसिद्ध नगरी डलहौजी में बाहरी सैलानियों की सुविधा के लिए क्षेत्र में हेली टैक्सी जैसी सुविधाओं को बढ़ावा दिया जा रहा है। हेलीपोर्ट एवं हेलीपैड जैसी सुविधाएं क्षेत्र की मुल्यता को और बढ़ा देती हैं इससे सुरक्षा के क्षेत्र में, पर्यटन के क्षेत्र में एवं व्यापार को भी बढ़ावा मिलेगा। अगर क्षेत्र में हेलीपोर्ट जैसी सुविधा रहेगी तो स्थानीय पंचायत के साथ-साथ क्षेत्र में रोजगार के कई आयाम खुलेंगे। तो वही ग्राम पंचायत के प्रधान व्यास देव ने जानकारी देते हुए बताया कि बगढार का यह मैदान अगर हेलीपोर्ट जैसी सुविधा से सुसज्जित होगा तो यह बगढार के लिए खुशी की बात है इसके लिए स्थानीय बेरोजगारों को रोजगार मिलेगा, इसके साथ-साथ पर्यटन को भी बहुतायत में लाभ मिलेगा।

तो वही जिला पर्यटन अधिकारी ने भी इस जगह के लिए हामी भरते हुए कहा कि बगढार में हेलीपोर्ट बनता है तो इससे जिला के पर्यटन उद्योग को काफी बढ़ावा मिलेगा साथ ही बगढार के साथ लगते खिरडी़ की महत्ता भी बढ़ जाएगी बताते चलें खिरडी़ क्षेत्र का ऐसा स्थान है जो अभी किसी भी तरह से विकसित नहीं किया गया है अगर यह पर्यटन की दृष्टि से विकसित किया जाता है तो यह बहुत ही सुंदर एवं रमणीय स्थल है जहां से एक और रणजीत सागर झील का नजारा देखने को मिलता है तो वही तीन राज्यों की सीमाएं भी आपस में जुड़ती हैं और इसके साथ-साथ पीर पंजाल शिवालिक एवं धौलाधार का नजारा साफ तौर पर देखने को मिलता है यहां से बर्फ से लवरेज़ पहाड़ियां ऐसी दिखाई देती हैं मानो बर्फ नहीं उन पर कुदरत ने चांदी बखेरी हो यहां के सूर्य उदय और सूर्य अस्त का नजारा खिरडी़ की शान को चार चांद लगता है।

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