ब्रह्मज्ञान से परमात्मा को जानकर अपने जीवन को मानवीय गुणों से युक्त बनाया जा सकता है :-महात्मा डाक्टर राजेन्द्र
डलहौजी/चम्बा 19 अगस्त मुकेश कुमार (गोल्डी)
स्थानीय निरंकारी सत्संग भवन बनीखेत में साप्ताहिक सत्संग का आयोजन किया गया ।इस पावन अवसर पर मानवता का संदेश देते हुए चंबा से प्रचार प्रोग्राम में आए हुए महात्मा डाक्टर राजेन्द्र जी ने फरमाया कि ब्रह्मज्ञान से परमात्मा को जानकर अपने जीवन को मानवीय गुणों से युक्त बनाया जा सकता है किंतु यह तभी संभव है जब इस परमात्मा से अपना नाता गहरा किया जाए।
तदोपरांत ही आध्यात्मिकता से युक्त होकर प्रेमा भक्ति आरंभ होगी। राजेन्द्र जी ने कहा कि इस आध्यात्मिकता की ज्योति से भगत का दृष्टिकोण बदलता है। और उसके जीवन में सकारात्मक सोच एवं विशालता आती है। इस दिव्य रोशनी द्वारा घट घट में समाहित परमात्मा को देखा जा सकता है। इसके सकारात्मक प्रभाव से जीवन में प्रेम, मिलबर्तन, भाईचारे की भावना का संचार होता है और मनुष्य में व्यापत सभी प्रकार के नकारात्मक भाव जैसे वैर, नफरत ,ईर्ष्या, लोभ लालच इत्यादि दूर हो जाते हैं।
परमात्मा की अलौकिता का महत्व बताते हुए डॉक्टर राजेन्द्र जी ने कहा कि इस संपूर्ण सृष्टि का सृजन हार यह परमपिता परमात्मा है यही सभी कारणों का कारण भी है। उन्होंने कहा कि ब्रह्म ज्ञान की प्राप्ति के बाद भक्त का मन पवित्र, व जीवन वास्तविकता में आनंदमई बन जाता है और भी मन वचन कर्म से इस परमात्मा से इकमिक हो जाता है।