मेडिकल कॉलेज चंबा में नव जात शिशु देखभाल सप्ताह के तहत जागरूकता शिविर का हुआ आयोजन

मेडिकल कॉलेज चंबा में नव जात शिशु देखभाल सप्ताह के तहत जागरूकता शिविर का हुआ आयोजन

चंबा 21 नवंबर मुकेश कुमार (गोल्डी)

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग चम्बा द्वारा आज दिनांक 21 नवंबर 2024 को मेडिकल कॉलेज के मातृ एवं शिशु केंद्र और नवजात शिशु देखभाल केंद्र मे नव जात शिशु देखभाल सप्ताह के अन्तर्गत जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया. इस अवसर पर उपस्थित गर्भवती एवं धात्री महिलाओं को संबोधित करते हुए जिला कार्यक्रम अधिकारी डॉ वैहवी गुरंग ने बताया कि हर साल 15 नवंबर से 21 नवंबर तक विश्वभर में नवजात शिशु देखभाल सप्ताह का आयोजन किया जाता है।

जिसका मुख्य उद्देश्य जन्म से 28 दिनों में नवजात शिशु की होने वाली सबसे ज्यादा मृत्यु को कम लगाना है। यह समय नवजात के लिए की देखभाल हेतु बहुत ही महत्वपूर्ण होता है I जन्म के तुरंत बाद बच्चों की विशेष देखभाल की जाए जैसे की प्रसव के बाद उसको ठंड से वचाव किया जाए।इसके लिए प्रसव के कमरे का तापमान उचित गर्माहट वाला हो ,उसके उपरांत उसको तत्काल मां का दूध पिलाया जाए जोकि बच्चों को गर्माहट तथा इम्यूनिटी प्रदान करता है। इसके साथ ही उसको ठंड से बचाने के के लिए उसके सिर तथा पाँव को ठीक तरह से ढका जाए अथवा लपेटा जाए, जन्म के बाद उसे कम से कम नहलाया जाए लगभग 48 घंटे तक तो बिल्कुल ही नहीं ।जन्म के समय कम वजन वाले बच्चों को कंगारू मदर केयर प्रदान की जाए ।इसके अलावा बच्चों को 6 माह तक सिर्फ और सिर्फ मां का दूध पिलाया जाए 6 माह के उपरांत उसे मां के दूध के साथ-साथ पूरक आहार भी खिलाना शुरू किया जाए।

मां का दूध कम से कम 2 साल तक पिलाया जाए तथा बच्चों को राष्ट्रीय टीकाकरण सारणी के अनुसार बीमारियों से बचाव के लिए लगने वाले सभी टीकों का पूर्ण टीकाकरण किया जाए ।नवजात बच्चों में दिखने वाली जनम जात विकृतियों को नोट किया जाए वह उन्हें जल्दी से जल्दी उपचार के लिए उचित स्वास्थ्य संस्थान भेजा जाए ।इसके साथ ही बच्चों में होने वाले जोखिमपुर लक्षणों को पहचान कर जैसे यदि बच्चा कुछ भी खा पी न रहा हो उसमें पीलापन हो उसे बुखार हो उसकी छाती अंदर धंसी हो,सांस की गति तेज हो, वह जो भी खाए पिए उस उल्टी कर दे, उसे ऐंठन या दौरे आए तो उसे तुरंत चिकित्सीय उपचार के लिए उचित स्वास्थ्य संस्थान में भेजा जाए ।इन सभी बातों पर ध्यान में रखकर तथा मां को इन सारी बातों में के बारे में जागरूक करके हम नवजात शिशु में 0 से28 दिन के बीच में होने वाली नवजात शिशु मृत्यु दर को कम कर सकते हैं ।

इसके अतिरिक्त गर्भवती तथा धात्री महिलाओं को जननी सुरक्षा योजना जिसके अंतर्गत एस सी, एस टी, बी पी एल तथा अति गरीब महिलाओं को संस्थागत प्रसव होने पर विभाग की ओर से 1100/- मिलते हैं तथा जननी शिशु सुरक्षा योजना के अंतर्गत गर्भवती महिला को उसके सम्पूर्ण गर्भाकाल के दौरान तथा डिलीवरी के 42 दिन बाद तक किसी भी प्रकार की स्वास्थ्य सेवाएं सरकारी अस्पतालों में बिलकुल फ्री हैं -इसी प्रकार 0 से एक साल तक के शिशु को भी सभी सवास्थ्य सेवाएं मुफ्त हैं के बारे में विस्तार से बताया गया Iइस अवसर पर स्वास्थ्य विभाग से एम ई आई ओ,सी आर ठाकुर, बीसी कोऑर्डिनेटर दीपक जोशी भी उपस्थित रहे I

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!