आज मिड डे मील वर्कर यूनियन ब्लॉक सलूणी की बैठक सलूणी में संपन्न हुई। बैठक की अध्यक्षता ब्लॉक अध्यक्ष जगदीश ने की ।

चंबा 9 सितंबर मुकेश कुमार ( गोल्डी)


आज मिड डे मील वर्कर यूनियन ब्लॉक सलूणी की बैठक सलूणी में संपन्न हुई। बैठक की अध्यक्षता ब्लॉक अध्यक्ष जगदीश ने की । बैठक में सीटू जिला अध्यक्ष नरेंद्र शामिल रहे।
बैठक को संबोधित करते हुए नरेंद्र ने कहा कि पिछले चार महीने से मिड डे मील वर्कर बिना मानदेय के जी रहे हैं। ऐसे में घर में आमदनी ना होने के चलते परिवार परेशानी में हैं। सरकार मिड डे मील वर्कर के प्रति बिलकुल भी संवेदनशील नहीं है।
यूनियन की ओर से बार बार सरकार के सामने गुहार लगाने के बावजूद भी उनके प्रति कोई ध्यान नहीं है।

मिड डे मील वर्कर यूनियन ने अपने तय कार्यक्रम के तहत 22 सितंबर को विधानसभा के घेराव की तैयारी शुरू कर दी है। जिसमें हर एक वर्कर तक पहुंचा जा रहा है। मिड डे मील वर्कर बहुत ही मजबूरी में ये कदम उठा रहा है । सरकार ने इसके अलावा कोई भी विकल्प वर्कर के लिए छोड़ा है।
मिड डे मील वर्कर कई वर्षों में स्कीम के तहत काम कर रहे हैं लेकिन सरकार इनके भविष्य के प्रति जागरूक नहीं है। मिड डे मील वर्कर को सरकारी कर्मचारी घोषित किया जाए।और मिड डे मील वर्कर को आर्थिक सुरक्षा दी जाए पेंशन का प्रावधान किया जाए।


मिड डे मील वर्कर को केवल 4000 रूपए मानदेय घोषित किया गया है। लेकिन चार महीने से नहीं मिला है। मानदेय हर महीने सात तारीख तक खाते में डाला जाना चाहिए।
मिड डे मील को राज्य के तहत घोषित न्यूनतम वेतन 11250 रूपये दिया जाना चाहिए। आज बढ़ती महंगाई के दौर में केवल 4000 रुपए में परिवार चलाना मुश्किल है।कोर्ट ने मिड डे मील वर्कर के पक्ष में न्याय देते हुए कहा था की उन्हें 12 महीने का वेतन मिलना चाहिए लेकिन माननीय हाई कोर्ट के निर्णय को भी लागू नहीं किया जा रहा है।मिड डे मील वर्कर को किसी तरह की कोई छुट्टी नहीं मिलती है। किसी के घर मे कोई समस्या भी आ जाए तो उसके जाने पर उसकी दिहाड़ी काट दी जाती है। इसलिए श्रम कानून लागू करते हुए मेडिकल , कैजुअल, अर्जित अवकाश दिया जाना चाहिए।


हाल ही में बीपीएल से मिड डे मील वर्कर को बाहर किया गया इनमें से कई वर्कर वो लोग हैं जिनको 25 बच्चों की शर्त के चलते हटा दिया गया है। मिड डे मील वर्कर यूनियन मांग कर रही है कि प्रत्येक स्कूल में दो मिड डे मील वर्कर नियुक्त किए जाने चाहिए। 25 बच्चों की गैर न्यायिक शर्त हटा दी जाए।22 सितंबर को शिमला में पूरे जिले से सैंकड़ों लोग रैली में शामिल होंगे।
आने वाले समय मे बड़ा आंदोलन पूरे राज्य में होने जा रहा है।जिसकी जिम्मेवारी राज्य और केंद्र सरकार की होगी।बैठक में ब्लॉक सचिव वरिता,लीला, सन्देश, सत्या ममता, बिना, जीवन, महेन्द्र, जगदीश भोटी, रीता, ढोलकु, कौशल्या आदि शामिल रहे।

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