
भारतीय स्टेट बैंक शाखा बनीखेत में करोड़ों का गबन उपभोक्ताओं ने शिकायत दर्ज करवाई
डलहौजी चंबा 4 अक्टूबर मुकेश कुमार गोल्डी
भारतीय स्टेट बैंक शाखा बनीखेत बीते कई दिनों से क्षेत्र में चर्चा का विषय बनी हुई है ,बैंक के एक कर्मचारी द्वारा करोड़ों रुपए के गवन मामले को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म था किंतु इन चर्चाओं पर पुष्टि तब हुई जब करीब डेढ़ सप्ताह बाद गवन का हुए शिकार उपभोक्ताओं ने स्थानीय पुलिस थाना में जाकर एसबीआई शाखा बनीखेत के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई। शिकायत पर कार्रवाई करते हुए थाना प्रभारी जगबीर सिंह की अगुवाई में पुलिस दल एसबीआई शाखा में पहुंचा और इस मामले को लेकर कड़ी पूछताछ को अंजाम दिया गया। बता दें कि इस मामले को लेकर बीते करीब डेढ़ सप्ताह से शाखा बनीखेत एवं उपभोक्ता में गवन को लेकर एक सहमति बनी हुई थी। जिस पर दोनों पक्ष मीडिया के समक्ष चुप्पी साधे हुए थे हैरानी का विषय तो यह है कि करोड़ों का गवन के शिकार उपभोक्ताओं ने भी ना तो किसी तरह की पुलिस में शिकायत ही दर्ज करवाई और ना ही मीडिया के समक्ष कोई बात उजागर करने की ज़हमत ही उठाई। लेकिन सूत्रों की माने तो जिस विषय को लेकर दोनों पक्षों में सहमति बनी हुई थी उस पर जब मोहर नहीं लगी तो उपभोक्ता पक्ष ने हुए गवन को लेकर पुलिस थाना डलहौजी में शिकायत दर्ज करवा ही दी।

इस विषय को लेकर जब शाखा प्रबंधक बनीखेत से बात की गई तो उन्होंने साफ तौर पर इस सारे मामले से पल्ला झाड़ते हुए कहा कि इस विषय पर जांच प्रक्रिया को अंजाम दिया जा रहा है तथा आर एम धर्मशाला ही जानकारी दे सकते हैं तो जब दूरभाष के माध्यम से आर एम धर्मशाला से बात करना चाही तो उन्होंने फोन तक नहीं उठाया जो एक हैरानी का विषय है। बता दे की करोड़ों के घोटाले में लिप्त कर्मचारी को छुट्टी पर भेज दिया गया है जब उस कर्मचारी से बात की गई तो उन्होंने साफ तौर पर शाखा प्रबंधक से बात करने का हवाला दिया। इस मामले से जुड़े एक उपभोक्ता जो डलहौजी से संबंध रखते हैं उनका कहना है कि संबंधित शाखा ने उन्हें बिना बताए उनके नाम से कुल 60 लाख रुपए का लोन भी उनके खाते में डालकर निकाल लिया गया जिसकी भनक तक उन्हें नहीं लगने दी गई जो अपने आप में ही बहुत बड़ा जुर्म है एक प्रतिष्ठित बैंक द्वारा अपने उपभोक्ताओं के खातों में सेंधमारी कर करोड़ों की हेरा फेरी करते हुए चूना लगाने का ऐसा मामला पहला ही है जिसमें उपभोक्ताओं को चुप्पी साधने के लिए कई तरह के प्रलोभन दिए गये उसका खुलासा इस मामले को लेकर की सवालिया निशान लग गए हैं। बता दें कि संबंधित शाखा के कई उपभोक्ताओं ने उच्च स्तरीय जांच की भी मांग की हैं ताकि दूध का दूध पानी का पानी हो सके और इस सारे मामले पर से पर्दा भी उठ सके और जो भी दोषी हैं उन्हें कड़ी से कड़ी सजा मिल सके। किंतु यह तो आने वाला समय ही बताया कि इस सारे मामले में कौन-कौन लिप्त है।