गृह रक्षक जवानों को उनका हक जरूर मिलेगा-:वरिष्ठ अधिवक्ता अभयकांत मिश्रा (सर्वोच्च न्यायालय)

गृह रक्षक जवानों को उनका हक जरूर मिलेगा-:वरिष्ठ अधिवक्ता अभयकांत मिश्रा (सर्वोच्च न्यायालय)

डलहौजी चंबा 22 जुलाई मुकेश कुमार ( गोल्डी)

आज माननीय उच्च न्यायालय हिमाचल प्रदेश में प्रदेश गृह रक्षक कल्याण संघ बनाम सरकार की पेशी थी। हिमाचल प्रदेश गृह रक्षक कल्याण संघ की ओर से माननीय सर्वोच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता अभयकांत मिश्रा पैरवी कर रहे हैं। हिमाचल प्रदेश के गृह रक्षक अपने भविष्य को लेकर अनेक बार सरकार से उनके लिए ठोस नीति बनाने की मांग करते आ रहे हैं। गृह रक्षक जवानों का कहना है कि जब वे नियमित सरकारी कर्मचारियों की भांति अपनी सेवाएं प्रदान कर रहे हैं तो उन्हें अन्य सरकारी कर्मचारियों को मिलने वाली सुविधाओं जैसे अवकाश, भविष्य निधि चिकित्सा प्रतिपूर्ति लाभ महिला जवानों के लिए मातृत्व अवकाश अर्जित अवकाश के बदले मिलने वाली लीव इन कैश ग्रैच्युटी सेवा के दौरान मृत्यु पर परिवार के सदस्य को करूणा मूलक आधार पर सरकारी नौकरी व पैंशन जैसी मूलभूत सुविधाओं से वंचित क्यों रखा जा रहा है। लेकिन सरकार से आश्वासन के सिवा कुछ भी नहीं दिया। अतः गृह रक्षकों ने माननीय न्यायालय से गुहार लगाई। इसपर माननीय सर्वोच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता अभयकांत मिश्रा के द्वारा माननीय उच्च न्यायालय शिमला में याचिका दायर की थी और दस जून 2024 को माननीय उच्च न्यायालय के द्वारा इस केस के सिलसिले में सरकार व भविष्य निधि विभाग से चार सप्ताह के भीतर अपना जवाब देने अथवा पक्ष रखने का समय दिया था। लेकिन आज सरकार व भविष्य निधि विभाग के द्वारा माननीय उच्च न्यायालय में जबाब नहीं दिया गया और उन्होंने ने चार सप्ताह का समय मांगा है। वरिष्ठ अधिवक्ता अभयकांत मिश्रा का कहना है कि गृह रक्षक जवानों को उनका हक जरुर मिलेगा और उन्होंने प्रदेश के हजारों जवानों को आश्वस्त किया कि फैसला हमारे पक्ष में जरूर आएगा। हिमाचल प्रदेश गृह रक्षक कल्याण संघ के राज्य अध्यक्ष जोगिंद्र सिंह चौहडिया ने माननीय न्यायालय व अधिवक्ता मिश्रा का विशेष रुप से धन्यवाद किया कि उन्होंने गृह रक्षक जवानों के अधिकार को पुरजोर तरीके से माननीय न्यायालय में रखा व सरकार से सवाल कर जबाब तलब करवाया। प्रदेश के हजारों गृह रक्षक जवानों ने अधिवक्ता व न्यायलय का धन्यवाद किया और एकजुटता का संदेश देते हुए अपनी शुभकामनाएं दीं।

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