परमात्मा को जानने के लिए तपस्या या भक्ति जरूरी नहीं :- महात्मा अनिल गुप्ता

परमात्मा को जानने के लिए तपस्या या भक्ति जरूरी नहीं :- महात्मा अनिल गुप्ता

डलहौजी /चम्बा 25 अगस्त मुकेश कुमार( गोल्डी)

निरंकारी मिशन की डल्हौजी शाखा ने आज सत्संग का आयोजन किया जिसमें महात्मा अनिल गुप्ता जी ने संगत को प्रवचनों से निहाल किया। उन्होनें कहा कि निरंकारी मिशन सच का संदेश देश-विदेश और गांव-गांव में पहुंचा रहा है। सच परमात्मा है और यह हमारे अंग-संग विराजमान है जिसकी अनुभूति निरंकारी मिशन करवा रहा है महात्मा ने कहा कि परमात्मा का बोध सतगुरू की कृपा से संभव है जिससे ब्रह्मज्ञान कहा गया है।

उन्होंने कहा कि जब हमें परमात्मा का दीदार हो जाता है उसके बाद कोई भ्रम नहीं रह जाता है। ब्रह्मज्ञानी वही कहलाया जाता है जो परमात्मा को अंग-संग महसूस करते हुए सद मार्ग  पर चलता है। नफरत निंदा से परे हो जाता है और दूसरे के सुख में अपनी खुशियां मनाता है। उन्होंने कहा कि  निरंकारी मिशन यह संदेश दे रहा है कि परमात्मा को जाना जा सकता है जिसके लिए किसी तपस्या या भक्ति की जरूरत नहीं। जिज्ञासू पल भर में पूर्ण सद्गुरू से पल भर में कण-कण में व्याप्त इस निराकार सत्ता की अनुभूति कर सकता है।

गुप्ता जी ने कहा कि निरंकारी मिशन के उपदेशों का अनुसरण ही मिशन की शिक्षा है। हमारा व्यवहार सौहार्दपूर्ण और मेल-मिलाप वाला होना चाहिए। व्यवहार से निरंकारी होना चाहिए न कि हम बोल कर बताएं कि हम निरंकारी हैं। इस दौरान सुभाष , बन्दना, देव कुमार, , वरुण, सूजल, आदि ने भजन प्रवचनों क माध्यम से निरंकार प्रभु का गुणगान किया। 

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