परमात्मा को जानना ही नहीं,  परमात्मा को मानना भी बेहद जरूरी है-: महात्मा सुरेंद्र शर्मा

परमात्मा को जानना ही नहीं,  परमात्मा को मानना भी बेहद जरूरी है-: महात्मा सुरेंद्र शर्मा

चंबा 18 फरवरी मुकेश कुमार (गोल्डी)

निरंकारी मंडल डलहौजी के साप्ताहिक सत्संग में रविवार को सुरेन्द्र शर्मा जी ने मिशन का संदेश दिया। प्रवचनों की अमृतवर्षा करते हुए उन्होंने कहा कि परमात्मा को जानना ही नहीं,  परमात्मा की मानना भी जरूरी है। परमात्मा की मानने में तभी आनंद है जब हम परमात्मा को जान लेते हैं। इसीलिए कहा गया है कि पहले जानो फिर मानो। महात्मा सुरेन्द्र शर्मा ने कहा कि परमात्मा कण-कण में व्याप्त है।

इसका बोध पूर्ण गुरू द्वारा ही संभव है। मगर परमात्मा के बोध का सही आनंद तभी आता है जब हम सद्गुरू के बताए रास्ते पर चल पाएं। उन्होंने कहा कि सद्गुरू का यहीं संदेश है कि गृहस्थ जीवन में रह कर ही इंसानियत की सेवा करें। दूसरों के दुख बांटे वहीं दूसरों की खुशी में भी सहभागी बने। ईश्वर को वह लोग प्रिय हैं जो इंसानियत से प्यार करते उन्होंने कहा किसंत निरंकारी मिशन कोई धर्म या संप्रदाय नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक विचारधारा है

  निरंकारी मिशन विभिन्न विचारधाराओं में आस्था रखने वाले संसार के सभी इंसानों का सामान करता है युगों युगों से पवित्र ग्रन्थों में स्थापित इस मान्यता में विश्वास रखता है कि साकार सतगुरु के माध्यम से ही परमपिता परमात्मा की  जानकारी प्राप्त हो सकती है और आत्मबोध ही मानव जीवन का परम लक्ष्य है । ईश्वर प्राप्ति के द्वारा वैश्विक भाईचारे की स्थापना संभव है तथा संपूर्ण मानव जाति के कल्याण तथा विश्व व्यापी शांति और समृद्धि के लिए ईश्वराअनुभूति अत्यंत आवश्यक है इस अवसर अन्य भक्तो ने कण कण में व्यापत परमसत्ता का गुणगान किया

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