
निराकार का विस्तार हर जगह है यह विस्तार कभी खत्म होने वाला नहीं :- बहन सुनीता
डलहौजी /चंबा 9 मार्च मुकेश कुमार( गोल्डी)
बीते कल रविवार को स्थानीय निरंकारी सत्संग भवन बनीखेत में साप्ताहिक सत्संग का आयोजन किया गया । जिसमें बहन सुनीता ने प्रवचन करते हुए फरमाया कि निराकार का विस्तार हर जगह है यह विस्तार कभी खत्म होने वाला नहीं है। हम अपनी सोच का विस्तार करें और अपने स्वभाव में अच्छाईयों को आने दें। यह देखें कि हमारे जीवन के हर पहलू में अच्छाईयों का ही विस्तार हो । सुनीता ने कहा कि जीवन में सुकून चाहिए तो सबसे पहले इस स्थिर परमात्मा के साथ जुड़ना होगा। संसार में आये हैं तो इन्सान बनकर जिएं, दुनिया के लिए वरदान बनकर जिएं । हर तरफ परमात्मा है, इसलिए हर तरफ अच्छाईयां भी हैं।असलियत साथ जुड़ना है तो इंसानियत का ही एक मात्र रास्ता जो रूहानियत के रास्ते से ही होकर जाता है। अगर हमें एक सच्चा इंसान बनना है तो पहले इस असलियत के साथ जुड़ना होगा। हम जितना ज्यादा इस रुहान के साथ जुड़ेंगे, उतने ही अच्छे इंसान बनते जाएंगे।

फिर सभी मानवीय गुण हमारे अंदर बसते रहेंगे और वो हमारे जीवन जीने का ढंग बन जाएंगे। हर समय परमात्मा से जुड़कर रहें ताकि अपनी गलतियों, बुराईयों और अंदर की नकारात्मकता (निगेटिविटी) के गुलाम न रहें। ये सांसारिक आज़ादी भी उतनी ही ज़रूरी है, जितनी रूह की आज़ादी ज़रूरी है। निराकार को जानकर जीते-जी ही इस रूह ने आज़ाद होना है। इसके बाद फिर ये शरीर चाहे खत्म होगा पर आत्मा को पता है कि परमात्मा कहां है और इसने इससे ही एक दिन इकमिक होना है।